Monday 27 March 2017

शायरी 9

शायरी 
दगा करना इश्क़ का दस्तुर नहीं ,
प्यार मे की गयी ग़लती कोई क़सूर नहीं ,
प्यार ज़रा संभल कर करना मेरे यार ,
क्योकि  बिन प्यार के शायर भी मशहुर नहीं 

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